
मुरली वाला भी इनका ऋणी हो गया,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तरीक,
नाम दुनिया में इनका अमर हो गया,
माँ से कहने लगे युद देखु गा,
देख के अब तो परिणाम लौटू गा,
बोली माँ सुन इधर बोलेगा तू किधर,
माँ ने पूछा ऐसा वचन दे दिया,
जो भी हारे गा उसको सहारा बनु,
इस वचन से कभी भी न पीछे हटु,
बोले कृष्ण भगवन तेरा सच्चा बलिदान,
तेरी भगति से मैं तो प्र्सन हो गया,
कृष्ण ने दिया नाम प्रभु कहलाये श्याम.
ये विराजे यहाँ उसका खाटू है धाम,
इन्हे पूजे यहां सब को देते वरदान,
इनकी भगति में सारा यहां खो गया,
श्याम बाबा महान किया शीश का दान
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वीर बर्बरीक ने ख़ुशी पूर्वक प्रभु के चरणों में अपना शीश दान में दे दिया तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक को आशीर्वाद दिया की कलयुग में उन्हें श्री श्याम बाबा के नाम से घर घर पूजा जाएगा और उनकी शरण में आने वाले भक्तों के दुःख दर्द स्वंय श्री कृष्ण दूर करेंगे।
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वर्तमान में जहाँ मंदिर है उसकी स्थापना तो बहुत पूर्व में की गयी थी लेकिन उसे नए रूप में १७२० में इसकी आधारशिला राखी गयी थी। औरंगजेब ने इस मंदिर पर आक्रमण किया था और इसे नष्ट करने की कोशिश की जिसे रोकने के लिए हजारों राजपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है जहाँ देश विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लये आते हैं। मेले के लिए श्याम कमेटि के द्वारा व्यवस्थाएं की जाती है और स्थानीय प्रशाशन भी इसमें सहयोग करता है।
गर्मियों में खाटू श्याम जी मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है और दोपहर 1:00 तक खुला रहता है। गर्मियों में शाम को 5:00 बजे मंदिर के पैट दुबारा खोले जाते हैं और रात्रि 10:00 बजे बंद कर दिए जाते हैं । सर्दियों में समय प्रात: के 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे और सांय 4:00 बजे से रात्रि 9 बजे तक का रहता है।
खाटूश्यामजी की आरती का समय:
आरती शीतकाल ग्रीष्मकाल
मंगला आरती | प्रात: 5.30 बजे | प्रात: 4.30 बजे |
श्रृंगार आरती | प्रात: 8.00 बजे | प्रात: 7.00 बजे |
भोग आरती | दोहपर 12.30 बजे | दोपहर 12.30 बजे |
संध्या आरती | सांय 6.30 बजे | सांय 7.30 बजे |
शयन आरती | रात्रि 9.00 बजे | रात्रि 10.00 बजे |
श्याम मंदिर खुलने का समय:
खुलने का समय बंद करने का समय
शीतकाल ( प्रात:) | प्रात: 5.30 बजे | दोपहर: 1.30 बजे |
शीतकाल (दोपहर) | सांय 4.30 बजे | रात्रि 9:30 बजे |
ग्रीष्मकाल( प्रात:) | प्रात: 4.30 बजे | दोपहर: 1.30 बजे |
ग्रीष्मकाल (दोपहर) | सांय 4.30 बजे | रात्रि 10.00 बजे |
वायुमार्ग :श्री खाटू श्याम जी के दरबार में आने के लिए नजदीकी हवाई मार्ग जयपुर है जो खाटू से 80
किलोमीटर की दूरी पर स्थापित है। जयपुर से रींगस और खाटू श्याम जी के लिए काफी बसें चलती है। रींगस से खाटू श्याम जी के लिए भी यातायात की अच्छी व्यवस्था है।